- फरवरी, 2021 में भारतीय मौसम विभाग (IMD) की घोषणा के अनुसार, भारत के पहले तडि़त-झंझा (Thunderstom) अनुसंधान परीक्षण केंद्र (Thunderstom) की स्थापना ओडिशा के बालासोर में स्थापित किया जाएगा।
- अगले 5 वर्षों में इसके परिचालित होने की उम्मीद है।
- इसका उद्देश्य बिजली गिरने के कारण होने वाली मानव की मृत्यु और संपत्ति के नुकसान को कम करना है।
- इस अनुसंधान केंद्र को पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय, भारतीय मौसम विभाग, रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) तथा भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के सहयोग से स्थापित किया जाएगा।
- IMD के महानिदेशक डॉ. मृत्युंजय महापात्रा के अनुसार, अपनी तरह के पहले मानसून परीक्षण केंद्र को भी भोपाल के निकट स्थापित करने की योजना है।
- डॉ. महापात्रा को, चक्रवातों के सम्बन्ध में सटीक भविष्यवाणी करने के कारण प्राय: ‘साइक्लोन मैन ऑफ इण्डिया’ भी कहा जाता है।
- ध्यातव्य है कि प्रत्येक वर्ष अप्रैल से जून माह के बीच बिजली गिरने के कारण ओडिशा, पश्चिम बंगाल, बिहार और झारखंड राज्यों को जान-माल के नुकसान का सामना करना पड़ता है, इस कारण से यह केंद्र काफी महत्वपूर्ण है।
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