- 14-16 अक्टूबर, 2020 के मध्य आभासी रूप में अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (ISA) की तीसरी सभा आयोजित हुई।
- गौरतलब है कि ISA की पहली सभा का आयोजन 2-5 अक्टूबर, 2018 के मध्य ग्रेटर नोएडा (उत्तर प्रदेश) में और तीसरी सभा का आयोजन 30 अक्टूबर से 1 नवंबर, 2019 के मध्य नई दिल्ली में किया गया।
- ISA की इस सभा में 53 सदस्य देशों और 5 हस्ताक्षरकर्ता एवं भावी सदस्य देशों ने भाग लिया।
- उक्त सभा में भारत एवं फ्रांस को आगामी दो वर्षीय कार्यकाल के लिए ISA का क्रमश: अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष पुन: चुना गया।
- सभा में चार क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करने के लिए चार नए उपाक्ष्यज्ञों का चुनाव किया गया, जो हैं एशिया-प्रशांत क्षेत्र के लिए फिजी एवं नौरू, अफ्रीकी क्षेत्र के लिए मॉरीशस एवं नाइजर, यूरोप एवं अन्य क्षेत्रों के लिए यूनाइटेड किंगडम एवं नीदरलैंड्स, और लैटिन अमेरिका तथा वैâरोबियाई क्षेत्र के लिए क्यूबा एवं गुयाना।
- इस सभा के दौरान पहली बार सौर क्षेत्र में कार्य करने वाले देशों एवं संस्थानों को पुरस्कार प्रदान किया गया।
- अधिकतम तैरती हुई सौर क्षमता वाले देशों के लिए कर्नाटक सरकार द्वारा दिया जाने वाला ‘विश्वेश्वरैया पुरस्कार’ एशिया-प्रशांत क्षेत्र हेतु जापान को और यूरोप तथा अन्य क्षेत्रों हेतु नीदरलैंड्स को प्रदान किया गया।
- सौर ऊर्जा के क्षेत्र में वैज्ञानिकों तथा इंजीनियरों को हरियाणा सरकार द्वारा दिया जाने वाला ‘कल्पना चावला पुरस्कार’ डॉ. भीम सिंह (IIT दिल्ली) और डॉ. आयशा अलनौमी (संयुक्त अरब अमीरात) को प्रदान किया गया।
- ISA द्वारा दिव्यांश व्यक्तियों के हितों के लिए कार्य करने वाले और अपने देशों में सौर ऊर्जा उपयोग को बढ़ावा देने वाले संस्थानों को दिया जाने वाला ‘दिवाकर पुरस्कार’ आरुषि सोसाइटी (मध्य प्रदेश) तथा अर्पण इंस्टीट्यूट (हरियाणा) को प्रदान किया गया।
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