- क्यूबा ने कोरोना काल में अमेरिका, चीन और रूस जैसे देशों को पीछे छोड़ते हुए बड़ी उपलब्धि हासिल की है.
- क्यूबा दुनिया का पहला देश बन गया है, जहां 2 साल के बच्चों का वैक्सीनेशन शुरू कर दिया गया है.
- क्यूबा में दो साल के बच्चों के लिए देश में ही विकसित कोविड-19 वैक्सीन को मंजूरी मिल गई.
- हालांकि इस वैक्सीन को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की ओर से मंजूरी मिलनी अभी बाकी है.
- कई देशों में 12 साल से अधिक उम्र वाले बच्चों को कोरोना वैक्सीन की डोज दी जा रही है.
- क्यूबा में कोरोना वैक्सीन अब्दाला और सोबराना का ट्रायल पूरा होने के बाद 03 सितंबर से यहां 12 साल से अधिक उम्र के बच्चों व किशोरों के लिए वैक्सीनेशन की शुरुआत हुई.
- इसके बाद 06 सितंबर को यहां 2-11 साल के बच्चों को वैक्सीन की डोज लगाई गई.
- संयुक्त राष्ट्र (UN) की एजेंसी यूनिसेफ ने दुनिया भर के स्कूलों को जितनी जल्दी संभव हो खोलने के लिए कह दिया है. दरअसल मार्च 2020 से बंद पड़े स्कूलों को दोबारा खोलने को लेकर क्यूबा सरकार ने कहा है कि पहले बच्चों को वैक्सीन मिल जाए तभी इनके लिए स्कूलों को खोला जाएगा.
- दुनिया के कई देशों में 12 साल या उससे ज्यादा उम्र के बच्चों को कोरोना टीका लगाना पहले ही शुरू कर दिया गया है. वहीं कुछ देशों में ट्रायल चल रहा है. चीन, यूएई, वेनेजुएला मे भी छोटे बच्चों को कोरोना वैक्सीन लगाने का घोषणा किया है, लेकिन क्यूबा ने उनसे पहले ऐसा कर दिया है.
- भारत में भी 12 साल से ऊपर के बच्चों को कोरोना टीका दिया जाना शुरू होगा.
- इसके लिए जायडस कैडिला की कोरोना वैक्सीन को भारत में आपात इस्तेमाल की मंजूरी दे दी गई.
- 12 साल से अधिक उम्र के लोगों को ये वैक्सीन लगाई जा सकती है.
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