प्रश्न-
1. शैवाल विज्ञान अध्ययन है?
(a) शैवाल (b) लाइकेन
(c) कवक (d) जीवाणु
2. क्रिकेट के बल्ले बनाने के लिए निम्नलिखित में से किस लकड़ी का प्रयोग किया जाता है?
(a) सेड्रस देवदार (b) सैलिक्स परप्युरिया
(c)लिनन यूसीटेटिसोइमम (d) मोरस एल्बा
3. तमिलनाडु दक्षिण-पश्चिम मानसून की अवधि के दौरान सूखा रहता है–
(a) क्योंकि यह वृष्ट्रि छाया क्षेत्र में स्थित है
(b) पूर्वी घाटों की मौजूदगी के कारण
(c) पालघाट और थालघाट दर्रों के कारण
(d) अधिक चौडें तटीय मैदानों के कारण
4. मृदा का प्रयोग किए बिना भी पौधों को उगाया जा सकता है–
(a) आसुत जल में (b) लवण के घोल में
(c) शर्वâरा के घोल में (d)) पोषक घोल में
5. सूची-I (विटामिन) को सूची-II (हीनताजन्य रोगों) के साथ सही सुमेलित कीजिए और सूचियों के नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए–
सूची -I सूची-II
(A) विटामिन A 1. प्रणाशी रक्तल्पता
(b) विटामिन D 2. हीमो़फीलिया
(c) विटामिन B12 3. जीरोप्थैल्मिया
(D) विटामिन K 4. रिकेट्स
Codes :
A B C D
(a) 2 3 1 4
(b) 3 4 1 2
(c) 4 2 1 3
(d) 1 2 4 3
6. अम्लों का प्रतिरोध करने वाली स्टील की किस्म है :
(a) कार्बन स्टील (b) मॉलिब्डेनम स्टील
(c) निकल स्टील (d) स्टेनलेस स्टील
7. मुगल प्रशासन को दिल्ली में सुल्तानों से भिन्न विचारों तथा सिद्धान्तों पर स्थापित करने का काम मुख्यत: किसका था?
(a) अकबर (b) बाबर
(c) जहाँगीर (d) शाहजहाँ
8. असहयोग आंदोलन को किसके कारण स्थगित किया गया था?
(a) जालियां वाला बाग त्रासदी (b) चौरी चौरा घटना
(c) पूना समझौता (d) गांधी ईिवन समझौता
9. निम्नलिखित में से किस शासक ने ज़िजया समाप्त किया था?
(a) जहांगीर (b)) बलबन
(c) औरंगजेब (d) अकबर
10. चन्द्रगुप्त द्वितीय ने ‘विक्रमादित्य’ की पदवी धारण की थी, जिसका अर्थ है–
(a) सूर्य देव के बराबर (b) अग्नि के बराबर
(c) वायु के बराबर (d) इन्द्र के बराबर
उत्तर
1. (A)
शैवाल विज्ञान का अध्ययन फाइकोलॉजी या एल्जियोलॉजी के अन्तर्गत किया जाता है। शैवाल प्राय: पर्णहरित युक्त, संवहन ऊतक रहित आत्मपोषी होते हैं। इनका शरीर शूकाय (thalloid) सदृश होता है।
अन्य महत्वपूर्ण शाखायें हैं-
बैक्टीरियोलॉजी - जीवाणुओं का अध्ययन
कवक विज्ञान (माइकोलॉजी) - कवक प्रजाति का अध्ययन
2. (B)
क्रिकेट के बल्ले बनाने के लिए सैलिक्स परप्युरिया (Salix Purpurea)/सैल्किस एल्बा नामक लकड़ी का प्रयोग होता है। सैल्किस परप्यूरिया इसका वैज्ञानिक नाम है। इसे स्थानीय भाषा में English Willoeu कहते हैं। इस लकड़ी से क्रिकेट का बल्ला बनता है। इस बल्ले की लठ 38inch (965 mm) होता है और चौड़ाई 4.25 inch (108 mm) होती है।
3. (A)
दक्षिण पश्चिमी मानसून केरल तट पर 1 जून तक पहुँच जाता है। 10 से 13 जून तक यह मुम्बई तथा कोलकाता पहुँच जाती है। 15 जुलाई तक सारा देश दक्षिण पश्चिम मानसून के प्रभावाधीन हो जाता है। किन्तु तमिलनाडु वृष्टि छाया क्षेत्र में अवस्थित होने कारण यहाँ सूखा रहता है। दक्षिण पश्चिम मानसून भारत के उत्तरी भाग से 1 सितम्बर को लौटना शुरु कर देती है और 15 सितम्बर तक पंजाब, हरियाणा, राजस्थान तथा गुजरात के अधिकांश भागों से नियंत्रित हो जाती है। 15 अक्टूबर तक यह दक्षिणी प्रायद्वीप को छोड़कर शेष समस्त भारतीय क्षेत्र से लौट जाती है। 15 दिसंबर तक इनका प्रभाव संपूर्ण भारत पर समाप्त हो जाता है।
नोट : लौटती हुई पवनें बंगाल की खाड़ी से जल वाष्प प्राप्त कर लेती है और उत्तर पूर्वी मानसून के रूप में तमिलनाडु में पहुँचकर वहाँ पर वर्षा करती है।
4. (D)
पोषक घोल का निर्माण 1938 में हौगलैण्ड और अर्नोन द्वारा किया गया। यह पौधों को मृदा का प्रयोग किये बिना उगाने का सर्वोत्तम उपाय है। पौधों को वृद्धि के लिए 17 तत्वों की आवश्यकता होती है। इनमें से किसी भी एक की कमी से पौधे का विकास अवरूद्ध हो जाता है। अत: पोषक घोल में ये सभी पाये जाते हैं। जो निम्न हैं –
कार्बन, हाइड्रोजन, ऑक्सीजन, नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटैशियम, मैग्नीशियम, वैâल्सियम तथा सल्फर इन तत्वों को दीर्घमात्रिक पोषक तत्व भी कहते हैं, जो संख्या में ९ हैं तथा लोहा, जस्ता, ताँबा, निकेल, मैंगनीज, बोरोन, माडिढडेनिम, क्लोरीन इन तत्वों को लघुमात्रिक पोषक तत्व कहते हैं, जो कि संख्या में 8 हैं।
5. (B)
विटामिन K – इसका रासायनिक नाम ‘नैफ्थेक्विनोन’ है। इसकी कमी से रक्त का थक्का नहीं बनता है, जिसे हीमोफीलिया कहते हैं। हीमोफीलिया से ग्रस्त व्यक्ति को चोट लगने पर रक्त स्त्राव बंद नहीं होता है। स्रोत – हरी पत्तेदार सब्जी, टमाटर, पनीर।
विटामिन D – इसका रासायनिक नाम कैल्सिफेरॉल है। इसकी कमी से रिकेट्स नामक रोग हो जाता है। इसमें कैल्सियम और फास्फोरस लवण का उपापचयक ठीक से नहीं हो पाता अत: बच्चों की अस्थियाँ कोमल या कमजोर हो जाती है।
स्रोत – मछली का तेल, कलेजी, अण्डे की जर्दी, दूध आदि।
विटामिन B12 – इसका रासायनिक नाम ‘सायनोकाबालमिन’ है। इस विटामिन में कोबाल्ट धातु उपस्थित होता है। यह विटामिन रक्त की उत्पत्ति में सहायक है। इसकी कमी से प्राणी रक्ताल्पता नामक रोग हो जाता है।
विटामिन A – इसका रासायनिक नाम रेटिनॉल है। इसकी कमी से जीरोप्थैल्मिया नामक रोग हो जाता है। इसके अतिरिक्त इसकी कमी से होने वाले अन्य रोग – रतौंधी, आँखों का शुष्क होना, कार्निया में श्वेत फुल्ली पड़ना।
6. (D)
अम्लों का प्रतिरोध करने वाली स्टील की किस्म स्टेनलेस स्टील है। इसमें 15% क्रोमियम रहता है। यह कठोर होता है तथा इसमें जंग कभी नहीं लगता।
मैगनीज स्टील में लोहे के साथ 15% क्रोमियम रहता है। इससे रेल की पटरियाँ एवं स्विच एवं काटने की मशीने बनायी जाती है, क्योंकि यह बहुत कठोर एवं कम घिसने वाला होता है।
निकेल स्टील – इसमें 3 से 4% निकेल होता है यह कठोर एवं लचीला होता है। इससे धुरे, बिजली के तार, हवाई जहाज एवं मोटर के कल-पुर्जे बनाये जाते हैं।
ये सभी मिश्र धातुएं हैं। जब साधारण लौह इस्पात में अन्य धातुएं जैसे - क्रोमियम, मैंगनीज, निकेल मिला दी जाये तो उसे मिश्र धातु कहते हैं।
7. (B)
बाबर ने मुगल प्रशासन को दिल्ली के सुल्तानों से भिन्न विचारों तथा सिद्धांतों पर स्थापित करने का काम किया। उसने सर्वप्रथम सुल्तान की परंपरा को तोड़कर अपने को बादशाह घोषित किया। उसने बादशाह की उपाधि धारण करके मुगल बादशाहों को खलीफा के नाममात्र आधिपत्य से भी मुक्त कर दिया। अब वे किसी विदेशी सत्ता या व्यक्ति के अधीन नहीं रह गये।
8. (B)
असहयोग आन्दोलन चौरी-चौरा घटना के कारण स्थगित करना पड़ा जो 5 फरवरी, 1922 ई. को संयुक्त प्रांत के गोरखपुर जिले के चौरी-चौरा नामक स्थान पर किसानों के एक जुलूस पर गोली चलाए जाने के कारण क्रुद्ध भीड़ द्वारा थाने में आग लगा देने से हुई जिसमें थानेदार सहित २१ सिपाहियों की मृत्यु हो गई। गांधीजी को आशंका थी कि जनउत्साह और जोश के इस वातावरण में आंदोलन हिंसा का रूप न ले ले इसीलिये 12 फरवरी को बारदोली में कांग्रेस कार्य समिति की एक बैठक हुई। सत्याग्रह व असहयोग आन्दोलन स्थगित करने का प्रस्ताव पारित कराया गया।
9. (D)
अकबर ने 1569 ई. में तीर्थयात्रा कर और 1564 ई. में जजिया कर समाप्त किया। 1562 ई. अकबर ने दासता समाप्त किया। अकबर ने धार्मिक सहिष्णुता की नीति अपनाई। उसने अपने काल में ‘सुलह ए कुल’ अर्थात् सर्वात्रिक भाईचारे का श्रेष्ठ सिद्धान्त दिया। अकबर ने 1562 ई. में आगरे की राजपूत राजकुमारी जोधाबाई/हरखाबाई से विवाह किया उसी के बाद से धार्मिक और राजनैतिक परिवर्तन अकबर के अंदर आये।
10. (A)
चन्द्रगुप्त द्वितीय ने ‘विक्रमादित्य’ की उपाधि धारण की जिसका शाब्दिक अर्थ है ‘सूर्य देव के बराबर’ अर्थात अतुल पराक्रमी। उसने इसके अलावा परम भागवत् की उपाधि भी ग्रहण की। चन्द्रगुप्त द्वितीय के अन्य नाम देवगुप्त, देवराज, देव श्री आदि भी हैं।
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