- पवित्र और बहुप्रतीक्षित द्विवार्षिक उत्सव “मेदारम जतारा” का शुभारंभ 16 फरवरी, 2022 को हो गया, जब ‘मेदारम गाद्दे’ (मंच) पर सरलअम्मा का आगमन हुआ, जिसे तेलंगाना की कोया जनजाति ने पूरा किया।
- कुम्भ मेले के बाद मेदारम जतारा, देश का दूसरा सबसे बड़ा उत्सव है, जिसे तेलंगाना की दूसरी सबसे बड़ी कोया जनजातीय चार दिनों तक मनाती है।
- एशिया का सबसे बड़ा जनजातीय मेला होने के नाते, मेदारम जतारा देवी सम्माक्का और सरलम्मा के सम्मान में आयोजित किया जाता है।
- यह उत्सव ‘माघ’ महीने (फरवरी) में पूर्णमासी को दो वर्षों में एक बार मनाया जाता है।
- सम्माक्का की बेटी का नाम सरलअम्मा था।
- उनकी प्रतिमा पूरे कर्मकांड के साथ कान्नेपल्ली के मंदिर में स्थापित है।
- यह मेदारम के निकट एक छोटा सा गांव है।
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