- सर्वोच्च न्यायालय ने सेक्स वर्क को एक "पेशे" के रूप में मान्यता दी है और कहा कि इसके व्यवसायी कानून के तहत सम्मान और समान सुरक्षा के हकदार हैं।
- राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने वर्ष 2020 में सेक्स वर्कर को अनौपचारिक श्रमिक के रूप में मान्यता दी।
- सेक्स वर्कर कानून के समान संरक्षण के हकदार हैं और आपराधिक कानून सभी मामलों में 'आयु' और 'सहमति' के आधार पर समान रूप से लागू होना चाहिये।
- अनुच्छेद 21 घोषित करता है कि कानून द्वारा स्थापित प्रक्रिया के अनुसार, किसी भी व्यक्ति को उसके जीवन या व्यक्तिगत स्वतंत्रता से वंचित नहीं किया जाएगा। यह अधिकार नागरिकों और गैर-नागरिकों दोनों को प्राप्त है।
- स्वैच्छिक सेक्स वर्क अवैध नहीं है, जबकि वेश्यालय चलाना गैर-कानूनी है"।
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