प्रश्न-
1. निम्नलिखित में से कौन-सा अधिकारी अलाउद्दीन खिलजी के बाजार-नियंत्रण से सम्बद्ध नहीं था?
(a) दीवान-ए-रियासत (b) शहना-ए-मण्डी
(c) बरीद-ए-मण्डी (d) दरोगा-ए-मण्डी
2. बेरोजगारों के सहायतार्थ, दिल्ली के निम्नलिखित सुल्तानों में से किसने `रोजगार कार्यालय' की स्थापना की थी?
(a) बलबन ने (b) अलाउद्दीन खलजी ने
(c) मुहम्मद बिन तुगलक ने (d) फिरोज शाह तुगलक ने
3. 1857 के विद्रोह के समय भारत का गवर्नर जनरल कौन था?
(a) लार्ड डलहौजी (b) लार्ड मिन्टो
(c) लार्ड वैâनिंग (d) लार्ड बैंटिक
4. किसने 1840ई. के करीब कूका आन्दोलन को आरम्भ किया?
(a) गुरू राम सिंह (b) भगत जवाहरमल
(c) हरि सिंह नलवा (d) दादू मियां
5. निम्नलिखित में से किन दलों की स्थापना डॉ. भीमराव अम्बेडकर ने की थी?
1. पीजेंट्स एण्ड वर्कर्स पार्टी ऑफ इंडिया
2. ऑल इंडिया सिड्यूल्ड कास्ट्स फेडरेशन
3. इंडिपेन्डेंट लेबर पार्टी
निम्नलिखित कूटों के आधार पर सही उत्तर चुनिए :
(a) केवल 1 और 2 (b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3 (d) 1, 2 और 3
6. 1902 में किस वायसराय के अन्तर्गत इंडियन यूनिवर्सिटी कमीशन की स्थापना हुई?
(a) लॉर्ड कर्जन (b) लॉर्ड मिन्टो
(c) लॉर्ड हर्डिंग (d) लॉर्ड चेम्सफोर्ड
7. नीचे कथनों पर ध्यान दीजिए –
असहयोग आन्दोलन के फलस्वरूप
1. काँग्रेस सर्वप्रथम जन-आंदोलन बनी।
2. हिन्दू-मुस्लिम एकता में वृद्धि हुई।
3. जनता के मन से ब्रिटिश `शक्ति' का भय हट गया।
4.ब्रिटेन की सरकार भारतीयों को राजनीतिक रियायतें देने को राजी हुई।
इन कथनों में से –
(a) 1, 2, 3 और 4 सही हैं (b) 2 और 3 सही हैं
(c) 1, 2 और 3 सही हैं (d) 3 और 4 सही हैं
8. वह प्रान्त, जहाँ 1937 के आम चुनाव के बाद भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने अपनी सरकार नहीं बनायी, थी–
(a) बंगाल (b) बिहार
(c) मद्रास (d) उड़ीसा
9. निम्नलिखित में से कौन आई.एन.ए. अधिकारी कैप्टन पी. के. सहगल, कैप्टन शाहनवाज खान तथा कैप्टन जी. एस. ढिल्लों के मुकदमे में उनके बचाव पक्ष में आए?
(a) भूलाभाई देसाई
(b) मदन मोहन मालवीय
(c) डॉ. सैपुâद्दीन किचलू
(d) गणेश वासुदेव मावलंकर
10. भारत की संविधान सभा की अन्तिम बैठक की सही तिथि बताइए।
(a) 26 Nov. 1949 (b) 5 Dec. 1949
(c) 24 Jan. 1950 (d) 25 Jan. 1950
उत्तर-
1. (D) : अलाउद्दीन ने अपने बाजार-नियंत्रण की सफलता के लिये कुशल कर्मचारियों की नियुक्ति की। जिसमें शहना-ए-मण्डी का कार्य व्यापारियों पर नियंत्रण रखना था। वह बाजार के उतार-चढ़ाव एवं बाजार की सामान्य स्थिति की सूचना सुल्तान को देता था। अलाउद्दीन ने बाजार पर पूर्ण नियंत्रण रखने एवं सही जानकारी प्राप्त करने के लिये गुप्तचरों की नियुक्ति की थी। जिन्हें बरीद-ए-मण्डी कहा जाता था। दीवान-ए-रियासत बाजार के देखभाल का कार्य करता था अर्थात यह इस विभाग का प्रमुख था; इस पद पर सुल्तान का विश्वासपात्र सेनानायक याकूब नियुक्त था।
2. (D) : बेरोजगारों के सहायतार्थ फिरोजशाह तुगलक ने एक रोजगार-दफ्तर स्थापित किया जो बेरोजगार व्यक्तियों को कार्य दिलाता था। उसने एक विभाग दीवान-ए-खैरात स्थापित किया जो मुसलमान, अनाथ स्त्रियों और विधवाओं को आर्थिक सहायता देता था। दिल्ली के सुल्तानों में फिरोजशाह पहला सुल्तान था जिसने इस्लाम के कानूनों और उलेमा वर्ग को राज्य के शासन में प्रधानता प्रदान की।
3. (C) : 1857 के विद्रोह के समय भारत का गवर्नर जनरल लार्ड कैंनिंग (1856–62 ई०) था। यह भारत का गवर्नर जनरल व वायसराय दोनों था। जबकि इंग्लैण्ड के प्रधानमंत्री पामस्र्टन थे और कम्पनी का मुख्य सेनापति जार्ज एनिसन था। 1857 के सैनिक विप्लव के पश्चात् 1 नवम्बर, 1858 को इलाहाबाद मिण्टो पार्क में आयोजित दरबार में, लार्ड कैंनिंग ने ब्रिटिश महारानी विक्टोरिया के घोषणा-पत्र की घोषणा की। महारानी की उद्घोषणा द्वारा भारत से कम्पनी के शासन को समाप्त करके सीधे क्राउन का शासन आरोपित किया गया तथा गवर्नर जनरल लार्ड कैंनिंग को वायसराय का पदनाम देकर भारत का प्रथम वायसराय बनाया गया। कैंनिंग के काल में 1857 ई० में कलकत्ता, बम्बई और मद्रास में विश्वविद्यालय की स्थापना लंदन विश्वविद्यालय के तर्ज पर की गयी थी। 1857 की विद्रोह की शुरूआत 10 मई, 1857 को मेरठ स्थित छावनी की पैदल सैन्य टुकड़ी के सिपाहियों द्वारा किया गया था। इस विद्रोह के कारणों में लार्ड डलहौजी का ‘व्यपगत सिद्धांत’ महत्वपूर्ण था।
4. (B) : कूका आन्दोलन का प्रारम्भिक स्वरूप धार्मिक था, जिसका उद्देश्य सिक्ख धर्म में प्रचलित बुराइयों और अन्धविश्वासों को दूर करना था परन्तु बाद में यह आन्दोलन राजनीतिक आन्दोलन के रूप में परिवर्तित हो गया, जिसका उद्देश्य अंग्रेजों को बाहर निकालना था। इस आन्दोलन की शुरुआत 1840 ई. में सेन साहब भगत जवाहर मल द्वारा की गई। सेन साहब के अनुयायी बालक सिंह ने अपने अनुयायियों का एक दल गठित किया और हजारी में अपना मुख्यालय बनाया। कूका आन्दोलन के सामाजिक सुधारों में जाति और अन्तर्जातीय विवाहों पर लगे प्रतिबन्धों को समाप्त करना, मांस और नशीली वस्तुओं का परित्याग सम्मिलित था।
5. (B) : बी. आर. अम्बेडकर ने 1942 ई० में ‘अनुसूचित जातीय संघ’ का एक अखिल भारतीय दल के रूप में गठन किया। ‘इंडिपेन्डेंट लेबर पार्टी’ की स्थापना भी बी. आर. अम्बेडकर द्वारा वर्ष 1936 में की गई थी। ‘पीजेंट्स एण्ड वर्कर्स पार्टी ऑफ इण्डिया’ की स्थापना 1947 ई० में महाराष्ट्र में की गई थी। इसके संस्थापक नाना पाटिल, सी.डी. देशमुख, केशवराव जाधव इत्यादि थे।
6. (A) : वर्ष 1909 में कर्जन ने भारत के उच्चतम शिक्षा और विश्वविद्यालय अधिकारियों का एक सम्मेलन शिमला में बुलाया। शिमला सम्मेलन में पारित प्रस्तावों के आधार पर कर्जन ने 1902 ई० में थामस रैले की अध्यक्षता में विश्वविद्यालय आयोग का गठन किया। इस आयोग का उद्देश्य भारत में विश्वविद्यालयों की अवस्था का परीक्षण करना और उनकी कार्य क्षमता तथा संविधान के सुधार के लिए सुझाव देना था। इन सुझावों के आधार पर भारतीय विश्वविद्यालय अधिनियम 1904 पारित किया गया।
7. (C) : असहयोग आन्दोलन के समय मुस्लिमों का सहयोग काफी सराहनीय रहा और इससे हिन्दू-मुस्लिम एकता में वृद्धि हुई। असहयोग आन्दोलन के पूर्व कांग्रेस मुट्ठी भर बुद्धिजीवियों का आंदोलन था लेकिन असहयोग आन्दोलन ने इसे जन-आंदोलन के रूप में बदल दिया। इस आन्दोलन के समय महात्मा गाँधी ने `एक वर्ष में स्वराज' का नारा दिया था। इस आन्दोलन से भारतीय जनमानस में ब्रिटिश शक्ति का भय लगभग समाप्त हो गया, जिसकी चरम परिणति 1942 ई० के भारत छोड़ो आन्दोलन में देखने को मिलती है।
8. (A) : वर्ष 1937 में सम्पन्न 11 प्रान्तों के विधानमण्डलों के लिये हुये चुनाव में कांग्रेस ने कुल 8 प्रान्तों-मद्रास, बम्बई, मध्य भारत, उड़ीसा, बिहार, संयुक्त प्रान्त, पाqश्चमोत्तर प्रान्त एवं असम में अपने मंत्रिमण्डल गठित किये जबकि बंगाल में मुस्लिम लीग तथा पंजाब प्रान्त में युनियनिस्ट पार्टी का मंत्रिमण्डल बना। अक्टूबर, 1939 में कांग्रेसी मंत्रिमण्डलों ने द्वितीय विश्व युद्ध में भारत को शामिल किये जाने के विरोध में त्याग पत्र दे दिया था। कांग्रेस मंत्रिमण्डलों द्वारा त्यागपत्र दे दिये जाने के बाद मुस्लिम लीग ने 22 दिसम्बर 1939 को ‘मुक्ति दिवस’ के रूप में मनाया था।
9. (A) : आजाद हिंद फौज के गिरफ्तार सैनिकों एवं अधिकारियों पर अंग्रेज सरकार ने दिल्ली के लाल किले में नवम्बर 1945 में मुकदमें चलायें। इस मुकदमें के मुख्य अभियुक्त तीन अधिकारी – मेजर शहनवाज खाँ कर्नल प्रेम सहगल, और कर्नल गुरु दयाल सिंह ढिल्लो पर राजद्रोह का आरोप लगाया गया। इनके बचाव पक्ष के रूप में भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस ने `आजाद हिन्द फौज बचाव समिति' का गठन किया था तथा रिहा कर दिये गये फौजियों को आर्थिक सहायता देने तथा उनके लिए रोजगार की व्यवस्था के लिए `आजाद हिन्द फौज राहत तथा जाँच समिति' भी बनाई। जब लाल किले में यह ऐतिहासिक मुकदमा शुरू हुआ, तो भूलाभाई देसाई बचाव पक्ष के वकीलों की अगुवाई कर रहे थे। तेज बहादुर सिंह सप्रू, कैलाशनाथ काटजू और आसफ अली उनके सहायकों में थे। कार्यवाही के पहले दिन नेहरू भी वकीलों की पोशाक पहनकर अदालत में मौजूद थे।
10. (C) : भारत में संविधान के निर्माण के लिए संविधान सभा का गठन किया गया था। कैबिनेट मिशन (1946 ई०) प्रस्तावों के अन्तर्गत भारतीय संविधान सभा का गठन प्रतिनिधिक निर्वाचन के आधार पर किया गया था। 9 दिसम्बर, 1946 को संविधान सभा की पहली बैठक बुलाई गई, जिसकी अध्यक्षता डॉ. सच्चिदानन्द सिन्हा ने की। 11 दिसम्बर, 1946 को संविधान सभा ने डॉ. राजेन्द्र प्रसाद को संविधान सभा के स्थायी अध्यक्ष के रूप में र्नििवरोध निर्वािचत किया। संविधान सभा को भारतीय संविधान के निर्माण में 2 वर्ष,11 माह एवं 18 दिन का समय लगा था। इसके लिए कुल 11 अधिवेशन हुए थे। 11वें अधिवेशन के अन्तिम दिन 26 नवम्बर, 1949 को संविधान को अंगीकृत किया गया था। इन अधिवेशनों के अतिरिक्त संविधान सभा की अन्तिम बैठक 24 जनवरी, 1950 को समवेत हुई, जब सदस्यों द्वारा भारत के संविधान पर हस्ताक्षर किए गए थे। संविधान पूर्ण रूप से 26 जनवरी, 1950 को लागू हुआ था।
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