- भारत की पाँच और आर्द्रभूमियों को रामसर साइट्स, या अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की आर्द्रभूमियों में शामिल किया गया है, जिससे देश में अब ऐसे स्थलों की संख्या 54 हो गई।
- नई रामसर साइट्स करीकिली पक्षी अभयारण्य (तमिलनाडु) हैं।
- यह अभयारण्य पाँच किलोमीटर चौड़ाई में फैला हुआ है और यह जलकाग, एग्रेट्स, ग्रे हेरॉन, ओपन-बिल स्टॉर्क, डार्टर, स्पूनबिल, व्हाइट एलबनिस, नाइट हेरॉन, ग्रेब्स, ग्रे पेलिकन आदि का घर है।
- पल्लिकरनई मार्श रिज़र्व फॉरेस्ट (तमिलनाडु): पल्लिकरनई मार्श दक्षिण भारत के कुछ और अंतिम शेष प्राकृतिक आर्द्रभूमि में से एक है।
- यह 250 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला है जिसमें 65 आर्द्रभूमियाँ शामिल हैं।
- पिचवरम मैंग्रोव (तमिलनाडु):देश के अंतिम मैंग्रोव वनों में से एक।
- इसमें जल के विशाल विस्तार के साथ मैंग्रोव वनों से आच्छादित एक द्वीप है।
- साख्य सागर (मध्य प्रदेश):वर्ष 1918 में मनियर नदी से निर्मित, साख्य सागर माधव राष्ट्रीय उद्यान के पास स्थित है।
- पाला आर्द्रभूमि (मिज़ोरम): यह जानवरों, पक्षियों और सरीसृपों की एक विस्तृत शृंखला का घर है।
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