- केरल के एक निजी सुअर फार्म में पहली बार अफ्रीकी स्वाइन फीवर की पुष्टि हुई है।
- पिछले दस दिनों में इस बीमारी के कारण फार्म पर 15 से अधिक सूअरों की मृत्यु हो गई ।
- अफ्रीकी स्वाइन फीवर घरेलू और जंगली सूअरों में होने वाली एक अत्यधिक संक्रामक रक्तस्रावी वायरल (Haemorrhagic Viral) बीमारी है।
- यह पहली बार वर्ष 1920 के दशक में अफ्रीका में पाया गया था।
इस संक्रमण के फैलने का कारण-
- संक्रमित सूअरों, मल या शरीर के तरल पदार्थों के सीधे संपर्क में आना।
- उपकरण, वाहन या ऐसे लोग जो अप्रभावी जैव सुरक्षा वाले सुअर फार्मों के बीच सूअरों के साथ काम करते हैं, जैसे फोमाइट्स के माध्यम से अप्रत्यक्ष संपर्क।
- संक्रमित सुअर का मांँस या मांँस उत्पाद खाने वाले सूअर।
- जैविक वैक्टर – ऑर्निथोडोरोस प्रजाति के टिक्स।
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