- सार्वजनिक उद्यम विभाग ने मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स को "नवरत्न" का दर्जा दिया।
- मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स यह दर्जा पाने वाला देश का 18वां सार्वजनिक उपक्रम बन गया है।
- इसके साथ ही मझगांव डॉक इंजीनियर्स इंडिया कॉनकॉर, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स, आरसीएफ, नाल्को, एनएमडीसी, आरवीएनएल, इरकॉन और इरेडा जैसी कंपनियों में शामिल हो गई है।
- नवरत्न कंपनी होने के नाते, मझगांव डॉक को 1,000 करोड़ रुपये तक के निवेश के लिए केंद्र सरकार की मंजूरी की आवश्यकता नहीं है।
- इन कंपनियों को एक साल के भीतर अपनी कुल संपत्ति का 30% तक निवेश करने की भी आजादी है, बशर्ते यह 1,000 करोड़ रुपये के भीतर रहे।
- नवरत्न कंपनियों को संयुक्त उद्यम, गठबंधन बनाने और विदेशों में सहायक कंपनियां स्थापित करने की भी अनुमति है।
- नवरत्न कंपनी बनने के लिए, पीएसयू को पहले एक मिनीरत्न कंपनी होना चाहिए।
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