- भारत की श्वेत क्रांति के निर्माता डॉ. वर्गीस कुरियन के सम्मान में हर साल 26 नवंबर को राष्ट्रीय दुग्ध दिवस मनाया जाता है।
- डॉ. वर्गीस कुरियन भारतीय डेयरी उद्योग के पितामह माने जाते हैं, और उनकी कड़ी मेहनत और नेतृत्व के कारण भारत में दूध उत्पादन में एक ऐतिहासिक परिवर्तन हुआ।
- उन्होंने आमूल (Amul) ब्रांड की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जो आज भारत का सबसे बड़ा डेयरी ब्रांड है।
श्वेत क्रांति और डॉ. वर्गीस कुरियन का योगदान:
श्वेत क्रांति: डॉ. कुरियन के नेतृत्व में भारत ने 1970 में श्वेत क्रांति की शुरुआत की, जिसे "Operation Flood" के नाम से जाना जाता है। यह एक बड़े पैमाने पर दूध उत्पादन को बढ़ावा देने वाली योजना थी, जिसके परिणामस्वरूप भारत ने दुनिया में सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश बनने का गौरव प्राप्त किया।
आमूल: डॉ. कुरियन ने आमूल डेयरी सहकारी समिति को आकार दिया, जो छोटे किसानों के लिए एक सहकारी नेटवर्क के रूप में कार्य करती है। आमूल ने न केवल भारत के दूध उत्पादकों को उचित मूल्य दिलाया, बल्कि स्थानीय किसानों को भी एक स्थिर आय प्रदान की।
कृषि और खाद्य सुरक्षा: डॉ. कुरियन का काम केवल डेयरी उद्योग तक सीमित नहीं था, बल्कि उन्होंने भारत की खाद्य सुरक्षा को भी सुनिश्चित किया। उनके प्रयासों ने भारतीय कृषि क्षेत्र को एक नई दिशा दी।