- राष्ट्रीय सार्वजनिक सेवा प्रसारण दिवस (National Public Service Broadcasting Day) भारत में 12 नवंबर को मनाया जाता है। यह दिन भारतीय सार्वजनिक सेवा प्रसारण के महत्व को रेखांकित करने के लिए मनाया जाता है और खासकर ऑल इंडिया रेडियो (AIR) और दूरदर्शन के द्वारा जनता को दी जाने वाली सेवा की सराहना की जाती है।
- यह दिवस 1947 में महात्मा गांधी की दिल्ली स्थित आकाशवाणी के स्टूडियो की एकमात्र यात्रा की याद में हर वर्ष मनाया जाता है।
- सूचना और शिक्षा: लोक सेवा प्रसारण का मुख्य उद्देश्य सामाजिक जागरूकता, शिक्षा और विविध क्षेत्रों में जानकारी प्रदान करना है, जो विशेष रूप से ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में महत्वपूर्ण होता है।
- राष्ट्रीय एकता: लोक सेवा प्रसारण भारत के विभिन्न हिस्सों, भाषाओं और संस्कृतियों को जोड़ने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है।
- सांस्कृतिक धरोहर: दूरदर्शन और ऑल इंडिया रेडियो भारत की सांस्कृतिक धरोहर को बढ़ावा देने के लिए कई कार्यक्रम चलाते हैं, जैसे कि शास्त्रीय संगीत, लोक कला, और पारंपरिक परंपराएं।
- सामाजिक और राजनीतिक जागरूकता: इस माध्यम के माध्यम से सरकार की नीतियों, योजनाओं और कार्यक्रमों को जनता तक पहुंचाया जाता है।
12 नवंबर 1959 को तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने ऑल इंडिया रेडियो के दिल्ली केंद्र पर राष्ट्रीय सार्वजनिक सेवा प्रसारण का उद्घाटन किया था। उन्होंने इसे एक सशक्त माध्यम बताया था जो राष्ट्र की एकता, सांस्कृतिक विरासत और जनता के अधिकारों के प्रचार-प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
इस दिन का आयोजन भारतीय समाज में लोक सेवा प्रसारण के द्वारा किये गए सकारात्मक प्रभाव को पहचानने के उद्देश्य से होता है, खासकर ऐसे समय में जब डिजिटल मीडिया और निजी चैनल्स का प्रभाव बढ़ रहा है।
राष्ट्रीय सार्वजनिक सेवा प्रसारण दिवस के दिन विभिन्न कार्यक्रमों, कार्यशालाओं और समर्पण समारोहों का आयोजन किया जाता है, जहां प्रसारण के माध्यम से समाज में किए गए सकारात्मक कार्यों और योगदान की सराहना की जाती है।