- 4 अप्रैल को, वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025 राज्यसभा से मंजूरी मिलने के बाद संसद द्वारा पारित कर दिया गया।
- उच्च सदन ने विधेयक को मंजूरी दे दी, जिसमें 128 सदस्यों ने इसके पक्ष में और 95 ने इसके खिलाफ मतदान किया। लोकसभा पहले ही विधेयक को मंजूरी दे चुकी है।
- मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक, 2025, जो मुसलमान वक्फ अधिनियम, 1923 को निरस्त करता है, को भी राज्यसभा द्वारा पारित किए जाने के बाद संसद द्वारा अनुमोदित किया गया।
- इस विधेयक का उद्देश्य विरासत स्थलों की सुरक्षा और सामाजिक कल्याण को बढ़ावा देने के प्रावधानों के साथ वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन को सुव्यवस्थित करना है।
- इसके अतिरिक्त, विधेयक का उद्देश्य संपत्ति प्रबंधन में पारदर्शिता बढ़ाकर, वक्फ बोर्डों और स्थानीय अधिकारियों के बीच समन्वय को सुव्यवस्थित करके और हितधारकों के अधिकारों की रक्षा करके शासन में सुधार करना है।
- विधेयक के अनुसार, वक्फ बोर्डों में वक्फ संस्थाओं का अनिवार्य अंशदान 7% से घटाकर 5% कर दिया गया है तथा 1 लाख रुपये से अधिक आय वाली वक्फ संस्थाओं का राज्य प्रायोजित लेखा परीक्षकों द्वारा लेखा परीक्षण किया जाएगा।
- एक केंद्रीकृत पोर्टल वक्फ संपत्ति प्रबंधन को स्वचालित करेगा, जिससे दक्षता और पारदर्शिता में सुधार होगा।
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