- 2 फरवरी, 2021 को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण 2021-22 में एक केंद्र प्रायोजित योजना प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वास्थ्य भारत योजना शुरू किये जाने की घोषणा की।
- इस योजना पर अगले 6 वर्षों में 64180 करोड़ रुपये खर्च किया जाना है। इसके तहत प्राथमिक, द्वितीयक और तृतीयक स्वास्थ्य प्रणाली की क्षमता विकसित की जायेगी।
- इसके माध्यम से विद्यमान राष्ट्रीय संस्थानों को मजबूत बनाने एवं नए संस्थानों का निर्माण किया जायेगा, जिसमें नई पैदा होने वाली बीमारियों का पता लगाकर उनका इलाज किया जा सके।
- यह योजना राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के अतिरिक्त होगी।
- योजना के मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं–
- 11 राज्यों के सभी जिले एवं 3382 ब्लॉकों के स्वास्थ्य केंद्रों में एकीकृत जन स्वास्थ्य प्रयोगशालाएं स्थापित करना।
- 17788 ग्रामीण और 11024 शहरी स्वास्थ्य और देखभाल केंद्रों की सहायता प्रदान करना।
- 602 जिलों में क्रिटिकल केयर हॉस्पिटल ब्लॉक्स एवं 12 केंद्रीय संस्थानों की स्थापना करना।
- राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC), इसकी पांच क्षेत्रीय इकाइयों और 20 महानगरीय स्वास्थ्य निगरानी इकाइयों को मजबूत करना।
- सभी जन-स्वास्थ्य प्रयोगशालाओं को जोड़ने के लिए एकीकृत स्वास्थ्य सूचना पोर्टल का सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में विस्तार किया जायेगा।
- 17 नए जन-स्वास्थ्य इकाइयों को क्रियात्मक बनाना और भारत के प्रवेश केंद्रों यथा, 32 हवाई अड्डों, 11 बंदरगाहों और 7 सीमा चौकियों पर 33 मौजूदा स्वास्थ्य केंद्रों को मजबूत बनाना।
- 15 हेल्थ इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर और 2 मोबाइल अस्पतालों की स्थापना करना।
- विश्व स्वास्थ्य संगठन के दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र में एक क्षेत्रीय अनुसंधान प्लेटफॉर्म, एक राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान, ९ बायो सेफ्टी लेवल ३ प्रयोगशालाएं और 4 क्षेत्रीय राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान की स्थापना करना।
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