- IUCN की एक नई ‘रेड लिस्ट’ के अनुसार, 2014 से दुनिया की शार्क और रे (rays) की आबादी में गिरावट देखी जा रही है और अब उनके विलुप्त होने का खतरा है।
- घटती प्रजातियों की रक्षा के उद्देश्य से वैश्विक सम्मेलन में IUCN द्वारा नई ‘रेड लिस्ट जारी की गई।
- दुनिया भर में लगभग 37% शार्क और ‘रे’ को 2021 तक संकटग्रस्त माना जाता है। 2014 में, यह संख्या 33% थी।
- यह प्रवृत्ति ज्यादा मछली के शिकार, आवास की हानि और जलवायु परिवर्तन का परिणाम थी।
- 1970 के बाद से समुद्री शार्क की आबादी में भी 71% की कमी आई है।
- IUCN की रेड लिस्ट में हर साल सैकड़ों प्रजातियों का पुनर्मूल्यांकन किया जाता है। जिन 1,38,000 प्रजातियों को ट्रैक किया गया था, उनमें से 38,000 से अधिक के विलुप्त होने का खतरा है।
- IUCN की स्थापना 1948 में हुई थी।
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