प्रश्न-
1. आर्द्रता किस उपकरण से नापी जाती है?
(a) हाइड्रोमीटर (b) हाइग्रोमीटर
(c) पायरोमीटर (d) लैक्टोमीटर
2. माइक्रोवेव ओवन में जिस माइक्रोवेव ट्यूब का उपयोग होता है, वह है –
(a) क्लिस्ट्रान एवं मेग्नाट्रान ट्यूब्स
(b) क्लिस्ट्रान ट्यूब
(c) मेगनेट्रान ट्यूब
(d) ट्रेविंलग वेव ट्यूब
3. वाहनों में पेट्रोल के जलने से निम्न धातु वायु को प्रदूषित करती है–
(a) मरकरी (b) कैडमियम
(c) लैड (d) कार्बन डाइऑक्साइड
4. मानव तन्त्र में प्रति आक्सी कारकों का कार्य क्या है?
(a) यह विटामिन संश्लेषण को बढ़ाते हैं।
(b) यह कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन तथा वसा के अत्यधिक आक्सीकरण को रोकते हैं।
(c) यह मुक्त मूलकों के प्रभाव से कोशिकाओं को बचाते हैं।
(d) यह काल-प्रभावन प्रक्रिया को धीमा कर देने वाले जीन्स को सक्रिय करते हैं।
5. एक कृत्रिम उपग्रह में विद्युत ऊर्जा का स्रोत क्या होता है?
(a) थर्मोपाइल
(b) सौर सेल
(c) डायनमो
(d) लघु नाभिकीय रिएक्टर
6. ‘रोम’ है एक
(a) वोलाटाइल स्मृति
(b) नॉन-वोलाटाइल स्मृति
(c) द्वितीयक स्मृति
(d) इनमें से कोई नहीं
7. सिंधु घाटी सभ्यता की सबसे महत्वपूर्ण विशेषता क्या है?
(a) पकी ईंट से बनी इमारत
(b) प्रथम असली मेहराब
(c) पूजा-स्थल
(d) कला और वास्तुकला
8. निम्नलिखित में से मोहनजोदड़ो जाने वाला व्यक्ति कौन था?
(a) राखालदास बनर्जी
(b) सर आरेल स्टाइन
(c) डी.आर. भण्डारकर
(d) एन.जी. मजूमदार
9. ऋग्वेद में उल्लिखित प्रसिद्ध `दश-राजाओं' का युद्ध किस नदी के किनारे लड़ा गया था?
(a) परुष्णी (b) सरस्वती
(c) विपाशा (d) असिक्नी
10. तुलुव वंश का संस्थापक था─
(a) नरस नास्यक
(b) इम्मदि नरसिम्हा
(c) वीर नरसिंह
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर-
1. (B) : हाइग्रोमीटर अथवा द्रव घनत्वमापी या उत्प्लव घनत्वमापी वह यंत्र है, जिससे बिना किसी गणना के द्रवों के घनत्व पढ़े जा सकते हैं। वायुमण्डल की आद्र्रता नापने के यंत्र को आद्र्रतामापी अथवा हाइग्रोमीटर कहते हैं। पायरोमीटर (उत्तापमापी) से ऊँचे ताप की माप करते हैं। ये कई प्रकार के होते हैं-प्रकाशिक उत्तापमापी, विकिरण उत्तापमापी, प्रतिरोध उत्तापमापी, ताप विद्युत उत्तापमापी आदि।
लैक्टोमीटर का इस्तेमाल दूध की शुद्धता को मापने के लिए किया जाता है।
2. (C) मेगनेट्रान ट्यूब का उपयोग माइक्रोवेव ओवन में होता है, जो सूक्ष्म तरंगों को उत्पन्न कर ओवन की उष्मा को बढ़ा देता है।
3. (C) वाहनों में पेट्रोल के जलने से लैड का उत्सर्जन होता है, जो वायुमंडल की ऑक्सीजन से मिलकर लेड ऑक्साइड बनाता है और यह साँस के जरिए शरीर में पहुँचकर तंत्रिका तंत्र पर हानिकारक प्रभाव डालता है।
4. (C) प्रतिआक्सीकारक वे पदार्थ होते हैं, जो मुक्त मूलकों का शमन करते हैं। भोजन के पाचन के दौरान मुक्त मूलक हमारे आमाशय में इकट्ठा हो जाते हैं, जो सामान्य जैविक प्रक्रिया को प्रभावित करते हैं। इससे शरीर की कोशिकाएँ प्रभावित होती हैं। प्रतिऑक्सीकारक हरी सब्जियों, हल्दी, विटामिन्स की गोलियों में पाए जाते हैं।
5. (B) एक कृत्रिम उपग्रह में विद्युत ऊर्जा का स्रोत सौर सेल होता है। सौर सेल सूर्य के प्रकाश के माध्यम से विद्युत ऊर्जा का उत्पादन करते हैं।
6. (B) रोेम एक स्थायी- इलेक्ट्रॉनिक मेमोरी है, जिसमें संग्रहित डाटा व सूचनाएँ स्वयं नष्ट नहीं होती है तथा उन्हें बदला भी नहीं जा सकता। रोम में सूचनाएँ निर्माण के समय ही भर दी जाती हैं तथा कम्प्यूटर इन्हें केवल पढ़ सकता है, इनमें परिवर्तन नहीं कर सकता। कम्प्यूटर की सप्लाई बंद (ऑफ) कर देने पर भी रोम में सूचनाएँ बनी रहती हैं।
7. (A) सिन्धु सभ्यता भारतीय संस्कृति की ऐतिहासिक विरासत का प्रारंभिक बिन्दु है। इस सभ्यता को ‘प्रथम नगरीय क्रान्ति’ भी कहा जाता है क्योंकि भारत में पहली बार नगरों का उदय इसी सभ्यता के समय हुआ। सिंधु सभ्यता के नगर जाल की तरह व्यवस्थित होते थे तथा सड़के एक दूसरे को प्राय: समकोण पर काटती थी, सामान्यत: भवन निर्माण में पकी ईटों का प्रयोग किया जाता था। यद्यपि सिन्धु सभ्यता के किसी भी पुरास्थल से मंदिर के साक्ष्य नहीं मिले हैं, किंतु मूर्ति पूजा, सूर्य पूजा, अग्नि पूजा, मातृदेवी की उपासना के साक्ष्य अवश्य प्राप्त हुए हैं, सिन्धु सभ्यता से प्राप्त मुहरें, मनके और मृदभाण्ड व लघु कलाएं उनके सौन्दर्य बोध को इंगित करते हैं।
8. (A) हड़प्पा संस्कृति का महत्वपूर्ण स्थल मोहनजोदड़ों पाकिस्तान के सिन्ध प्राप्त के लरकाना जिले में स्थित है। सर्वप्रथम यहाँ 1921-22 ई. में दो प्रसिद्ध पुरातत्वशास्त्रियों राखालदास बनर्जी तथा दयाराम साहनी ने हड्प्पा तथा मोहनजोदड़ों के प्राचीन स्थलों से पुरावस्तुएँ प्राप्त करके यह सिद्ध कर दिया कि परस्पर 483 किमी. की दूरी पर बसे हुए ये दोनों ही नगर कभी एक ही सभ्यता के दो केन्द्र थे। पिग्गट महोदय ने इन्हें ‘एक विस्तृत साम्राज्य की जुड़वा राजधानियाँ कहा है। साहनी तथा बनर्जी के पश्चात माधव स्वरूप वत्स ने क्रमश: मोहनजोदड़ों तथा हड़प्पा में कई वर्षों तक उत्खनन कराकर महत्वपूर्ण सामग्रियाँ प्राप्त किया। इसके अतिरिक्त कुछ अन्य विद्वानों मार्टीमर ह्वीलर, के.एन. दीक्षित, अर्नेस्ट मैके, एन.जी. मजूमदार, आरेल स्टीन आदि ने भी इस सभ्यता की खोज में महत्वपूर्ण योगदान दिया। इस पूरी सभ्यता को ‘सिन्धु नदी घाटी की सभ्यता अथवा इसके मुख्य स्थल हड़प्पा के नाम पर ‘‘हड़प्पा की सभ्यता’’ कहा जाता है।
9. (A) ऋग्वेद में उल्लिखित प्रसिद्ध दश राजाओं का युद्ध (दशराज्ञ युद्ध) परुष्णी (रावी) नदी के तट पर लड़ा गया था। इस युद्ध में भरतों के राजा सुदास ने, जिसके पुरोहित वशिष्ठ ऋषि थे, दस राजाओं के संघ को पराजित किया था। इस संघ के पुरोहित विश्वामित्र ऋषि थे। इस युद्ध का उल्लेख ऋग्वेद के 7वें मंडल में है।
10. (C) 1505 ई. में नरसा नायक के पुत्र वीर नरिंसह ने सालुव नरेश इम्माडि नरिंसह की हत्या करके स्वयं सिंहासन पर अधिकार कर लिया और विजयनगर साम्राज्य के तुलुव राजवंश की स्थापना की। वीर नरिंसह के इस प्रकार राजगद्दी पर अधिकार करने को विजयनगर साम्राज्य के इतिहास में ‘द्वितीय बलापहार’ की संज्ञा दी गई है। वीर नरिंसह के इस कुकृत्य के विरुद्ध सम्पूर्ण विजयनगर साम्राज्य में उसके विरुद्ध व्यापक असंतोष फैल गया। वीर नरिंसह अपने शासन के चार वर्षों में आन्तरिक विद्रोहों एवं बाह्य आक्रमणों का मुकाबला करता रहा। 1509 ई. में उसकी मृत्यु के बाद उसका अनुज कृष्ण देवराय सिंहासनारूढ़ हुआ।
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