प्रश्न-
1. भारतीय संविधान मान्यता देता है–
(a) केवल धार्मिक अल्पसंख्यकों को
(b) केवल भाषायी अल्पसंख्यकों को
(c) र्धािमक और भाषायी अल्पसंख्यकों को
(d) धार्मिक, भाषायी और नृजातीय अल्पसंख्यकों को
2. संसदीय सरकार का सबसे महत्त्वपूर्ण लक्षण है─
(a) संसद की संप्रभुता
(b) कार्यपालिका का विधायिका के प्रति सामूहिक उत्तरदायित्व
(c) विधि का शासन
(d) बहुमत का शासन
3. भारत की संसद के सम्बन्ध में निम्नलिखित में से कौन सा कथन सही नहीं है?
(a) संविधान में एक संसदीय प्रणाली की सरकार का प्रावधान है।
(b) संसद का सर्वप्रमुख कार्य है मंत्रिमण्डल का प्रावधान करना
(c) मंत्रिमण्डल की सदस्यता निम्न सदन तक सीमित है।
(d) मंत्रिमण्डल को लोकप्रिय सदन में बहुमत का विश्वास प्राप्त रहना चाहिए।
4. लोक सभा की कार्यवाही में भाग लेने का अधिकारी कौन नहीं होता है
(a) भारत के नियन्त्रक एवं महालेखा परीक्षक
(b) भारत का एटार्नी जनरल (महान्यायवादी)
(c) सॉलिसिटर जनरल (महान्यायाभिकत्र्ता)
(d) भारत के राष्ट्रपति के सचिव
5. यदि वार्षिक संघीय बजट लोकसभा द्वारा पारित नहीं होता, तो–
(a) बजट में संशोधन कर यह दुबारा पेश किया जाता है
(b) सुझाव हेतु बजट राजभाषा को भेज दिया जाता है
(c) संघीय वित्त मंत्री से त्यागपत्र देने के लिए कहा जाता है
(d) प्रधानमंत्री अपनी मंत्री परिषद् का त्यागपत्र पेश कर देता है
6. मुद्रा पूर्ति M1 क्या है–
(a) नोट एवं सिक्के तथा माँग जमा
(b)) नोट, सिक्के माँग जमा धन डाकघर की बचत राशियां
(c) (a) + (b)
(d) कोई नहीं
7. `एक्चुयरी़ज'' शब्द सम्बन्धित है –
(a) बैंकिग से (b) बीमा से
(c) शेयर बाजार से (d) उपर्युक्त में से किसी से नहीं
8. भारत की द्वितीय पंचवर्षीय योजना में निवेश का स्वरूप निर्धारित किया–
(a) प्रो. एन. काल्डार ने (b) प्रो.वी.के.आर.वी. राव ने
(c) प्रो. आर.एफ. हैरोड ने (d) प्रो. पी.सी महालनोबिस ने
9. देश में एग्रो–इकोलॉजिकल क्षेत्र हैं –
(a) 15 (b) 17
(c) 18 (d) 20
10. भारत में औद्योगिक विकास हेतु `संयुक्त क्षेत्र' का विचार किस औद्योगिक नीति प्रस्ताव में रखा गया?
(a) 1948 की औद्योगिक नीति में
(b) 1956 की औद्योगिक नीति में
(c) 1980 की औद्योगिक नीति में
(d) 1991 की औद्योगिक नीति में
उत्तर-
1. (C) भारतीय संविधान केवल धार्मिक एवं भाषायी अल्पसंख्यकों को ही मान्यता देता है। भारतीय संविधान द्वारा नागरिकों को अपनी भाषालिपि या संस्कृति की संरक्षा के लिए कतिपय अधिकार प्रदान किए गये हैं। इन अधिकारों का उल्लेख अनुच्छेद 29 एवं 30 में किया गया है। अनु. 30(1) के अनुसार धर्म या भाषा पर आधारित सभी अल्पसंख्यक वर्गो को अपनी रूचि की शिक्षा संस्थाओं की स्थापना व प्रशासन का अधिकार होगा।
2. (B) संसदीय शासन में कार्यपालिका तथा व्यवस्थापिका में अभिन्न सम्बन्ध रहता है। मन्त्रिपरिषद के सभी सदस्य व्यवस्थापिका के सदस्य होते हैं। वे व्यक्तिगत एवं सामूहिक रूप से व्यवस्थापिका के प्रति उत्तरदायी होते हैं।
3. (C) भारत की संसद के संबंध में निम्नलिखित में कथन (C) गलत है क्योंकि मंत्रिमण्डल का सदस्य लोकसभा और राज्यसभा दोनों में से किसी का भी सदस्य हो सकता है और दोनों सदनों का सदस्य न होने पर भी कोई व्याqक्त मंत्रिमण्डल का सदस्य हो सकता है, बशर्ते उसे मंत्री पद धारण करने के पश्चात 6 माह के भीतर दोनों सदनों में से किसी एक का सदस्य बनना होगा अन्यथा उसका मंत्री पद अवैध हो जायेगा।
4. (D) अनु० 148 के तहत नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है। यह उन कार्यों का निर्वहन करता है, जो संसद द्वारा उसे सौंपा जाता है। यह संघ तथा राज्यों के सभी व्ययों का लेखा परीक्षण करता है। महान्यायवादी की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है। यह राष्ट्रपति के प्रसादपर्यन्त अपने पद पर बना रहता है। अनु० 76 के तहत महान्यायवादी उच्चतम न्यायालय में भारत सरकार के विरुद्ध वाद में भारत सरकार का प्रतिनिधित्व करता है तथा संसद की कार्यवाही में भाग ले सकता है, लेकिन मतदान नहीं कर सकता। सॉलिसिटर जनरल की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है। विशेष बुलावे पर यह सदन की कार्यवाही में उपस्थित होता है। राष्ट्रपति का सचिव लोकसभा की कार्यवाही में भाग नहीं ले सकता है।
5. (D) बजट सरकार की राजस्व नीति का एक व्यावहारिक रूप है। हमारे यहाँ बजट सामान्य तौर पर आगामी वित्तीय वर्ष हेतु माँगें पास कराकर आवश्यक सरकारी खर्चों हेतु व्यवस्था सुनिश्चित कर ली जाती है और पूर्ण र्वािषक बजट कुछ माह बाद उपयुक्त समय पर प्रस्तुत किया जाता है। यदि र्वािषक संघीय बजट लोकसभा द्वारा नहीं पारित होता है तो इसका तात्पर्य है कि सरकार अल्पमत में है तथा प्रधानमंत्री अपनी मंत्रिपरिषद का त्यागपत्र प्रस्तुत कर देता है।
6. (A) मुद्रा पूर्ति M1 संकीर्ण मुद्रा (Narrow Money) है। इसमें नोट, सिक्के तथा मांग जमाएं आती है।
7. (B) एक्चुयरीज का कारोबार बीमा से सम्बन्धित होता है। बीमा पॉलिसियों के तहत कवर किए जाने वाले जोखिमों का निर्धारण तथा इनके लिए बीमा प्रीमियम का आकलन एक्चुयरीज द्वारा किया जाता है। बीमितों को अदायगी हेतु रखे जाने वाले कोष में कम–से–कम कितनी राशि रखना उचित होगा, यह निर्धारित करने के साथ–साथ जीवन बीमा पॉलिसियों पर दिए जाने वाली बोनस राशि का निर्धारण करना भी एक्चुयरीज के कार्यों में शामिल है। ध्यातव्य है कि एक्चुयरीज के व्यवसाय को विनियमित करने के उद्देश्य से सरकार द्वारा लाए गए एक्चुयरीज बिल–2005 को संसद के दोनों सदनों ने अगस्त, 2006 में पारित कर दिया था।
8. (D) भारत का द्वितीय पंचवर्षीय योजना में निवेश का स्वरूप प्रो. पी.सी. महालनोविस ने निर्धारित किया था, जो कि 4 क्षेत्रीय मॉडल पर आधारित थी। ये 4 क्षेत्र–पूंजीगत वस्तु क्षेत्र, फैक्ट्री उत्पादित उपभोग वस्तु क्षेत्र, लघु इकाई उत्पादन क्षेत्र तथा घरेलू उद्योग क्षेत्र थे। कृषि सहित एवं सेवा क्षेत्र मॉडल वास्तव में असंतुलित विकास रणनीति पर आधारित था। इसमें विकास दर का लक्ष्य 4.5% रखा गया तथा प्राप्ति 4.2% रही। इसी योजना में राउरकेला (उड़ीसा), भिलाई (छत्तीसगढ़), दुर्गापुर (पं. बंगाल) इस्पात संयंत्रों की स्थापना हुई।
9. (D) भारत को 20 कृषि पर्यावरणीय क्षेत्रों में बाँटा गया है, जिनका आधार (i) वृद्धिकाल, (ii) वर्षा/पीईटी , (iii) मृदा, (iv) जिला है। कृषि पर्यावरणीय क्षेत्र निम्नलिखित हैं – 1. पश्चिमी हिमालय 2. पश्चिमी मैदान, 3. दक्कन का पठार 4. दक्कन का पठार गर्म अद्र्धशुष्क इको क्षेत्र 5. उत्तरी मैदान तथा मध्यवर्ती उच्च भूमि, 6. मध्यवर्ती (मालवा) ऊंची भूमि और काठियावाड़ का प्रायद्वीप, 7. मध्यवर्ती ऊँची भूमि, 8. दक्कन का पठार और पूर्वी घाट, 9. पूर्वी घाट (तमिलनाडु अपलैंड) और दक्कन का पठार, 10. दक्कन का पठार और मध्यवर्ती ऊँची भूमि (बुंदेलखण्ड), 11. पूर्वी पठार (छत्तीसगढ़ क्षेत्र), 12. पूर्वी पठार (छोटा नागपुर और पूर्वी घाट), 13. उत्तर का मैदान, 14. पूर्व का मैदान, 15. असम एवं बंगाल का मैदान, 16. उत्तर–पूर्व का पहाड़ी क्षेत्र (पूर्वांचल), 17. पूर्वी हिमालय, 18. पूर्वी तटीय मैदान, 19. पश्चिमीू घाट एवं तटीय मैदान, 20. अंडमान – निकोबार और लक्षद्वीप के द्वीप।
10. (B) भारत की दूसरी औद्योगिक नीति (1956) में ‘संयुक्त क्षेत्र’ की संकल्पना रखी गयी। जिसके अनुसार औद्योगिकीकरण में तीव्रता लाने हेतु सार्वजनिक एवं सहकारी क्षेत्र के साथ-साथ विकास पर जोर दिया गया।