प्रश्न-
1. वह थर्मामीटर जो 2000°C मापने हेतु उपयुक्त हो, वह है-
(a) गैस थर्मामीटर
(b) पारे का थर्मामीटर
(c) पूर्ण विकिरण पायरोमीटर
(d) वाष्प दबाव थर्मामीटर
2. दूध का दही मे परिवर्तन किसके द्वारा होता है?
(a) बैक्टीरिया द्वारा (b) विटामिन द्वारा
(c) एन्जाइम द्वारा (d) उपर्युक्त में से कोई नहीं
3. हरपेटोलॉजी में अध्ययन किया जाता है-
(a) सरीसृपों का
(b) उभयचरों का
(c) सरीसृपों और उभयचरों का
(d) पक्षियों का
4. मानव कलाई में नाड़ी स्पन्दन करती है─
(a) हृदय से द्रुततर
(b) हदय से मंदतर
(c) उसी दर पर जिस पर हृदय करता है
(d) हृदय से स्वतंत्र होकर
5. निम्न में से कौन सा हार्मोन `लड़ो या उड़ो' की धारणा से सम्बद्ध है?
(a) इंसुलिन (b) एड्रीनेलिन
(c) एन्ट्रोजैन (d) ऑक्सोटोसिन
6. पुरुष जीन संघटन होता है-
(a) XX (b) XY
(c) X (d) Y
7. ``ब्लूटूथ'' तकनीक अनुमति देती है–
(a) केवल मोबाइल फोन पर संकेत संचरण
(b) `लैन्डलाइन' फोन से `मोबाइल' फोन के लिए सम्प्रेषण
(c) उपग्रह से टेलीविजन सम्प्रेषण
(d) उपकरणों के बीच वायरलेस संचरण
8. रंगपुर जहाँ हड़प्पा की समकालीन सभ्यता थी, वह है─
(a) पंजाब में (b) पूर्वी उत्तर प्रदेश में
(c) सौराष्ट्र में (d) राजस्थान में
9. वैदिक काल में ग्राम का मुखिया कौन था?
(a) विशपति (b) गृहपति
(c) गणपति (d) ग्रामणी
10. अणुव्रत सिद्धान्त का प्रतिपादन किया था –
(a) महायान बौद्ध सम्प्रदाय ने
(b) हीनयान बौद्ध सम्प्रदाय ने
(c) जैन धर्म ने
(d) लोकायत शाखा ने
उत्तर-
1. (C) पूर्ण विकिरण पायरोमीटर से अधिक उच्च तापमान का मापन किया जाता है। यह उन स्थानों पर प्रयोग होता है जहाँ पहुँचना एवं छूना संभव न हो।
2. (A) दूध में सूक्ष्म जीवाणु पैदा हो जाते हैं जिसके कारण दूध में किण्वन की क्रिया आरम्भ हो जाती है और उसमें रासायनिक परिवर्तन होने लगता है। इस क्रिया में दूध को स्ट्रेप्टोकोकस थर्मोफिलस (S. Thermophilous) तथा लैक्टोबैसिलस वुल्गेरिकस (L. Vulgaricus) नामक वैक्टीरिया के द्वारा 40-60°C पर जमाकर, यीस्ट द्वारा आंशिक किण्वन (Fermentation) कराया जाता है, तो पोषक पदार्थ दही (Fermentation) प्राप्त होता है।
3. (C) हरपेटोलॉजी (Herpetology) विज्ञान की वह शाखा है जिसमें सरीसृपों और उभयचरों दोनों का अध्ययन किया जाता है। बैट्राकोलॉजी (Batrachology) हरपेट्रोलॉजी की उपशाखा है जिसमें सिर्फ उभयचरों का अध्ययन किया जाता है। ऑर्निथोलॉजी (Batrachology) में पक्षियों का अध्ययन किया जाता है।
4. (C) नब्ज धमनियों की धड़कन है। जब रक्त धमनियों में हृदय प्रकुंचन द्वारा पम्प किया जाता है तथा धमनी में रक्त दाब (B.P.) बढ़कर 120mm Hg. पहुँचता है उस समय धमनियों की दीवार खिच जाती है। इसके विपरीत हृदय शिथिलन के समय धमनियों में रक्त दाब घटकर 120mm Hg. रह जाता है। इस समय धमनी की दीवार अपनी वास्तविक अवस्था में आ जाती है। इस प्रकार हृदय स्पंदन के साथ-साथ धमनियों में भी स्पंदन रहता है। धमनियों के इस स्पंदन को नाड़ी या नब्ज कहते हैं।
5. (B) ऐड्रीनेलीन (Adrenalin) हार्मोन अनुकम्पी तन्त्रिका तन्त्र से नियन्त्रित होने वाली क्रियाओं को नियमित करता है। यह कार्यकारी अंगों को प्रभावित करता है। ऐड्रीनेलीन हमें संकट कालीन परिस्थितियों का सामना करने के लिए तैयार करता है। गुस्से या डर के समय उत्पन्न होने वाले हाव-भाव ऐड्रीनेलीन के द्वारा ही उत्पन्न होते हैं। ऐड्रीनेलीन को 3F (Fear, Fight, Flight) कहते हैं। इसे इर्मेजेन्सी हार्मोन भी कहते हैं।
6.(B) पुरुष जीन संघटन होता है-XY
7. (D) ब्लूटूथ एक बेतार संचार अभिकरण है जिसके माध्यम से विभिन्न डिजिटल उपकरणों जैसे कम्प्यूटर आदि के अंदर एक लघु रेडियो ट्रांसमीटर लगा दिया जाता है, जिसकी सहायता से सूचनाओं का आदान-प्रदान करना संभव हो सके। इस तकनीक के बाद कम्प्यूटर को मॉडेम, प्रिंटर आदि से जोड़ने के लिए तारों के जाल बिछाने की समस्या से निजात मिल गया।
8. (C).रंगपुर, सौराष्ट्र (वर्तमान गुजरात) के काठियावाड़ क्षेत्र में भादर नदी के नजदीक है। इसकी खुदाई 1953-54 ई० में रंगनाथ राव द्वारा हुई। यहां पर पूर्वकालीन हड़प्पा संस्कृति के अवशेष मिले हैं। यहां धान की भूसी के ढेर मिले हैं। यहां परवर्ती हड़प्पा संस्कृति के भी साक्ष्य मिलते हैं।
9. (D) ऋग्वेद में पुरोहित, सेनानी तथा ग्रामणी इन तीन अधिकारियों का उल्लेख मिलता है। इसमें से पुरोहित राजा के साथ युद्ध भूमि में जाता था तथा वहाँ युद्ध में राजा के विजय के लिए प्रार्थना करता था। वह एक प्रकार से राजा का शिक्षक, पथ-प्रदर्शक तथा मित्र था। सेनानी सबसे प्रमुख पदाधिकारी था तथा युद्ध के अवसर पर राजा के आदेशानुसार युद्ध में कार्य करता था। शन्तिकाल में सम्भवत: सेनानी को नागरिक कार्यों को भी करना पड़ता था। `ग्रामणी' ग्राम का मुखिया तथा प्रशासनिक तथा सैनिक कार्यों के लिए ग्राम का नेता होता था। वह ग्रामीण जनता के हितों का प्रतिनिधित्व करता था।
10. (C) अणुव्रत सिद्धान्त का प्रतिपादन जैन धर्म द्वारा किया गया था। पंच महाव्रत अर्थात् अहिंसा, सत्य, अस्तेय, अपरिग्रह तथा ब्रह्मचर्य को गृहस्थों के लिए सरल ढंग से पालन करने का विधान इसमें प्रस्तुत किया गया। इसी कारण गृहस्थ जीवन के सम्बन्ध में इन्हें `अणुव्रत' कहा गया। इनमें कठोरता तथा अतिवादिता का अभाव है।
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