- हाल ही में राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) ने राष्ट्रीय उद्यान घोषित करने की पूर्व शर्त को पूरा किये बिना 3000 मेगावाट की दिबांग जल-विद्युत परियोजना के लिये वन मंज़ूरी देने पर स्वत: संज्ञान लेते हुए मामले को खारिज कर दिया है।
- राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने ऐसा निर्णय अरुणाचल प्रदेश की इस सूचना के आधार पर लिया जिसमें कहा गया था कि स्थानीय लोग राष्ट्रीय उद्यान की घोषणा के लिये अपनी ज़मीन को बाँटने के इच्छुक नहीं हैं।
- यह बाढ़ नियंत्रण सह जल-विद्युत परियोजना है जिसे अरुणाचल प्रदेश में ब्रह्मपुत्र नदी की एक सहायक नदी दिबांग नदी पर विकसित करने की योजना है।
- यह बाँध आशु पानी और दिबांग नदियों के संगम से लगभग 1.5 किमी ऊपर तथा रोइंग, जिला मुख्यालय से लगभग 43 किमी दूर स्थित है।
- इस परियोजना से मानसून अवधि के दौरान दिबांग बाँध के नीचे के क्षेत्रों में 3000 क्यूमेक्स की सीमा तक बाढ़ में कमी आएगी।
- इस परियोजना को लगभग 4 बिलियन अमेरिकी डॉलर से विकसित किया जाएगा।
- दिबांग जल-विद्युत परियोजना से प्रतिवर्ष 11,222 मिलियन यूनिट (MU) बिजली उत्पन्न होने की संभावना है।
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