- भारत के प्रधानमंत्री ने वर्चुअल माध्यम से पहले भारत-मध्य एशिया शिखर सम्मेलन की मेजबानी की।
- इसमें कज़ाखस्तान गणराज्य, किर्गिज़ गणराज्य, ताजिकिस्तान गणराज्य, तुर्कमेनिस्तान और उज़्बेकिस्तान गणराज्य के राष्ट्रपतियों ने भाग लिया।
- यह पहल भारत-मध्य एशिया सम्मेलन भारत और मध्य एशियाई देशों के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना की 30वीं वर्षगाँठ के साथ मेल खाता है।
- यह शिखर सम्मेलन चीन-मध्य एशिया सम्मेलन के दो दिन बाद हुआ था, जिसमें चीन ने सहायता के तौर पर 500 मिलियन अमेरिकी डॉलर की पेशकश की थी और प्रतिवर्ष लगभग 40 बिलियन अमेरिकी डॉलर के वर्तमान स्तर से व्यापार को 70 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक बढ़ाने का वादा किया था।
- इस सम्मेलन में भारत-मध्य एशिया संबंधों को नई ऊँचाइयों पर ले जाने के अगले कदमों पर चर्चा की गई एवं, नेताओं ने हर 2 साल में इसे आयोजित करने का एतिहासिक निर्णय लेकर शिखर सम्मेलन तंत्र को संस्थागत बनाने पर सहमति व्यक्त की।
- शिखर सम्मेलन की बैठकों के लिये आधार तैयार करने हेतु विदेश मंत्रियों, व्यापार मंत्रियों, संस्कृति मंत्रियों और सुरक्षा परिषद के सचिवों की नियमित बैठकों पर भी सहमति व्यक्त की गई।
- नए तंत्र का समर्थन करने के लिये नई दिल्ली में एक भारत-मध्य एशिया सचिवालय स्थापित किया जाएगा।
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