- लुप्तप्राय जानवर को बचाने के लिए, बीजिंग स्थित फर्म सिनोजेन बायोटेक्नोलॉजी कंपनी ने हार्बिन पोलरलैंड के साथ मिलकर 2020 में आर्कटिक भेड़िया क्लोनिंग परियोजना शुरू की।
- पिछले साल ‘माया’ नाम की 16 साल की आर्कटिक भेड़िये की मौत हो गई थी।
- सिनोजेन बायोटेक्नोलॉजी ने क्लोन भेड़िया बनाने के लिए उसकी कोशिकाओं को मादा बीगल के अंडे में डाल दिया।
- क्लोनिंग में, 137 नए भ्रूण बनाए गए हैं और उनमें से 85 को सात बीगल के गर्भाशय में स्थानांतरित किया गया है।
- 85 में से एक का जन्म स्वस्थ भेड़िये के रूप में हुआ है।
- 2019 में चीनी वैज्ञानिकों ने इसी तरह की तकनीक का इस्तेमाल कर एक बिल्ली का क्लोन बनाया।
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