- आईयूसीएन प्रजाति अस्तित्व आयोग भारतीय वन्यजीव ट्रस्ट (WTI) के सहयोग से दक्षिण एशिया में पहला “सेंटर फॉर स्पीशीज़ सर्वाइवल” स्थापित करेगा।
- इस संबंध में प्रोफेसर जॉन पॉल रोड्रिग्ज, अध्यक्ष-आईयूसीएन एसएससी और विवेक मेनन, कार्यकारी निदेशक, भारतीय वन्यजीव ट्रस्ट के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
- यह दुनिया में “सेंटर फॉर स्पीशीज़ सर्वाइवल” का 10वां और दक्षिण एशिया में अपनी तरह का पहला केंद्र होगा।
- इस सहयोगात्मक प्रयास का उद्देश्य वन्यजीव विशेषज्ञों और विशेषज्ञ समूहों द्वारा संरक्षण प्रयासों को बढ़ाना और भारत की समृद्ध जैव विविधता की रक्षा करना है।
- यह केंद्र प्रजातियों को बचाने के राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रयासों के बीच एक सेतु का काम करेगा।
- यह संकटग्रस्त प्रजातियों की आईयूसीएन लाल सूची का उपयोग करके प्रजातियों की स्थिति का आकलन करने में भी मदद करेगा और देश भर में प्रजातियों की रिकवरी गतिविधियों के प्रभाव को बढ़ाएगा।
- भारत में अनेक लुप्तप्राय प्रजातियाँ पाई जाती हैं। भारत में जीवों की 92,037 प्रजातियाँ हैं, जिनमें अकेले कीटों की 61,375 प्रजातियाँ शामिल हैं।
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